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प्रश्न-4 |
भारत में गुड्स एवं सर्विस टैक्स लागू करने के उद्देश्य पर प्रकाश डालिये ? |
उत्तर |
अप्रत्यक्ष करों की वर्तमान कमियों को दूर करना, वैट और सेवा कर को एक साथ करना (Consolidate), सेवा कर के संबंध में आगत कर मुजरा (ITC) उपलब्ध कराने की व्यवस्था करना इत्यादि, गुड्स एवं सर्विस टैक्स लागु करने के मुख्य उद्देश्य है। |
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प्रश्न-5 |
भारत में लागू किये जाने वाले गुड्स एवं सर्विस टैक्स की प्रकृति पर प्रकाश डालिये ? |
उत्तर |
भारत में प्रस्तावित गुड्स एवं सर्विस टैक्स के दो संघटक होंगे अर्थात् एक ही संव्यवहार पर केन्द्र सरकार और संबंधित राज्य सरकार साथ-साथ कर वसूल करेगी। यह कर साथ-साथ आरोपित होगा, अत: इसे दोहरा कर (Duel Tax) कहते है। |
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प्रश्न-6 |
क्या एक ही संव्यवहार (आपूर्ति) पर केन्द्र और राज्य द्वारा करारोपण करना उचित है ? |
उत्तर |
भारत एक संधात्मक संघ (Fedral Country) है। केन्द्र और राज्य कोई भी करारोपण का अधिकार छोडऩा नही चाहता है, अत: भारत में दोहरा गुड्स एवं सर्विस टैक्स समय की मांग है। केन्द्र और राज्यों के वित्तीय-अधिकार संविधान में पृथक-पृथक दिये गऐ है अत: दोहरे गुड्स एवं सर्विस टैक्स को भारत में लागू करना उचित है। |
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प्रश्न-7 |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स से किन-किन वस्तुओं को बाहर रखा गया है ? |
उत्तर |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स मानव उपभोग के लिए उपयोग होने वाली शराब तथा पांच प्रकार के पेट्रोलियम उत्पाद यथा पेट्रोलियम क्रूड, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), हाईस्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस तथा एवीएशन टर्बाइन फ्यूअल पर लागू नहीं होगा। |
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प्रश्न-8 |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स से बाहर रखी गई इन वस्तुओं की करारोपण की स्थिति क्या रहेगी ? |
उत्तर |
उपरोक्त माल पर करारोपण की वर्तमान व्यवस्था अर्थात् वैट और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (VAT & Central Excise) के प्रावधान लागू रहेंगे। |
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प्रश्न-9 |
क्या विद्युत (Electricity) गुड्स एवं सर्विस टैक्स में शामिल होगी ? |
उत्तर |
नहीं । वर्तमान की तरह भवष्यि में (गुड्स एवं सर्विस टैक्स लागू होने के बाद) भी राज्य सरकारे विद्युत शुल्क की वसूली करती रहेगी। |
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प्रश्न-10 |
क्या गुड्स एवं सर्विस टैक्स तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों पर भी लागू होगा ? |
उत्तर |
हाँ, इतना ही नहीं बल्कि तम्बाकू उत्पादों पर केन्द्र सरकार केन्द्रीय उत्पाद शुल्क भी लगा सकेगी। |