वार्षिक रिटर्न के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी
वित्तीय वर्ष 2019-20 की वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तिथी जो 31.12.2020 थी उसे बढ़ा कर 28 फरवरी 2021 कर दिया गया है। इसलिए सभी पंजीकृत व्यवहारियों को अपनी वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर-9 की तैयारी अब प्रारम्भ करनी होगी। जीएसटी लागू होने के पश्चात वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत की जा चुकी है जिनमें सरकार ने कई जानकारियों को प्रस्तुत करने से छूट प्रदान की थी। अब वित्तीय वर्ष 2019-20 की वार्षिक रिटर्न में भी कई जानकारियों को प्रस्तुत करने से छूट प्रदान की गई है। इस संबंध में अधिसूचना स. 79/2020 - सीटी दिनांक 15.10.2020 जारी की गई है। इस अधिसूचना द्वारा फार्म जीएसटीआर-9 के संबंध में निम्न स्पष्टीकरण/संशोधन लागू किये गये है-
(i) |
फार्म जीएसटीआर-9 के कॉलम 8(c) में ऐसी इनवर्ड सप्लाई जो वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त की गई है लेकिन जिस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट अगले वित्तीय वर्ष की निर्धारित अवधि तक क्लेम किया गया है उस इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्रस्तुत करना है। |
(ii) |
फार्म जीएसटीआर-9 के पार्ट-V में ऐसी जानकारी प्रस्तुत करनी है जो वित्तीय वर्ष से संबंधित है लेकिन जिसे अगले वित्तीय वर्ष की निर्धारित अवधि यानि सितम्बर 2020 माह की रिटर्न प्रस्तुत करने की तिथी तक प्रस्तुत किया गया है। इसमें सप्लाई की राशि, टैक्स की राशि, रिवर्स की गई आईटीसी की राशि, प्राप्त की गई आईटीसी की राशि को प्रस्तुत किया जा सकता है। साथ ही यदि कोई अंतर कर उपरोक्त के कारण जमा कराया गया है तो उसे भी यहां प्रस्तुत करना होगा। |
➤निर्देशों में संशोधन
जीएसटीआर-9 फार्म में सरकार द्वारा निर्देश भी दिये गये है। इन निर्देशों में भी वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुछ संशोधन किये गये है जो निम्न प्रकार है-
(i) |
एक नया निर्देश 2ए जोडा गया है जिसमें बताया गया है कि फार्म 9 के क्रम स. 4, 5, 6 एवं 7 में केवल वित्तीय वर्ष से संबंधित जानकारी ही प्रस्तुत करनी है। पिछले वित्तीय वर्ष से संबंधित कोई जानकारी इसमें प्रस्तुत नहीं करनी है। क्रम स. 4, 5, 6 एवं 7 निम्न प्रकार है-
क्रम स.4 - वित्तीय वर्ष के दौरान एडवांस प्राप्त राशि, इनवर्ड एवं आऊटवर्ड सप्लाई जिस पर टैक्स का भुगतान किया गया है।
क्रम स.5 - वित्तीय वर्ष के दौरान की गई आऊटवर्ड सप्लाई जिस पर टैक्स का भुगतान नहीं करना है।
क्रम स.6 - वित्तीय वर्ष के दौरान क्लेम की गई इनपुट टैक्स क्रेडिट।
क्रम स.7 - वित्तीय वर्ष के दौरान रिवर्स की गई एवं अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट। |
(ii) |
निर्देश स. 4 में संशोधन कर वर्ष 2019-20 को भी इसमें जोडा गया है। इसके अनुसार यदि वर्ष 2019-20 का कोई दायित्व फार्म जीएसटीआर-1 एवं जीएसटीआर-3बी में घोषित नहीं किया गया है उसे इस रिटर्न में घोषित किया जा सकता है। हालांकि इनपुट टैक्स क्रेडिट को इस रिटर्न द्वारा क्लेम नहीं किया जा सकता है। |
(iii) |
क्रम स. 6B में प्रस्तुत की जाने वाली इनपुट टैक्स क्रेडिट के संबंध में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कैपीटल गुड्स की इनपुट टैक्स क्रेडिट को अलग से प्रस्तुत करना आवश्यक है जबकि इनपुट एवं इनपुट सर्विस की इनपुट टैक्स क्रेडिट को एक साथ ही प्रस्तुत किया जा सकता है। |
(iv) |
इसी प्रकार क्रम स. 6C एवं 6C में भी कैपीटल गुड्स के इनपुट टैक्स क्रेडिट को अलग से दिखाना होगा जबकि इनपुट एवं इनपुट सर्विस के इनपुट टैक्स क्रेडिट को एक साथ दिखाया जा सकता है। |
(v) |
क्रम स. 6 E में भी कैपीटल गुडस के इनपुट टैक्स क्रेडिट को अलग दिखाना होगा जबकि इनपुट एवं इनपुट सर्विस में इनपुट टैक्स क्रेडिट को एक साथ दिखाया जा सकता है। |
(vi) |
टेबिल 7 में रिवर्स किये गये इनपुट टैक्स की जानकारी अलग-अलग परिस्थितियों में टेबिल 7A से 7E तक दर्शा सकते है तथा चाहे तो इसकी जानकारी एक साथ टेबिल 7H में दिखा सकते है। यह प्रावधान वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक लागू था जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए भी लागू कर दिया गया है। |
(vii) |
टेबिल 8A में जो कुल इनवर्ड सप्लाई पर उपलब्ध क्रेडिट दिखाई जाती है वह राशि 1 नवम्बर 2019 को जनरेटेड जीएसटीआर-2ए से ऑटो पापुलेटेड हो कर प्रस्तुत होगी। |
(viii) |
टेबिल 8C में वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त इनपुट टैक्स क्रेडिट जिसे अगले वित्तीय वर्ष में सीजीएसटी एक्ट, 2017 की धारा 16(4) के तहत प्राप्त किया गया है उसे दिखाया जायेगा। |
(ix) |
पार्ट-V में पिछले वित्तीय वर्ष के लेनदेन जो जीएसटीआर-3बी में अप्रेल 2020 से सितम्बर 2020 के दौरान घोषित किये गये है उन्हे दिखाना होगा। इसी प्रकार टेबिल स. 10 एवं 11 में अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 के दौरान घोषित लेनदेन जो जीएसटीआर-1 में दिखाये गये है उन्हे दिखाना होगा। |
(x) |
पार्ट- VI में प्रस्तुत की जाने वाली समस्त जानकारी को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के लिए प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं था। उसी तर्ज पर अब इस पार्ट की टेबिल्स में प्रस्तुत की जाने वाली जानकारी को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए प्रस्तुत करना भी अनिवार्य नहीं है। पार्ट- VIU में निम्न जानकारी प्रस्तुत करनी होती है-
टेबिल 15- डिमांड एवं रिफण्ड की जानकारी।
टेबिल 16- कम्पोजीशन डीलर्स से प्राप्त सप्लाई की जानकारी, धारा 143 के तहत डीम्ड सप्लाई की जानकारी तथा एप्रूवल पर भेजे माल की जानकारी।
टेबिल 17- आऊटवर्ड सप्लाई की HSN वाईज समरी
टेबिल 18- इनवर्ड सप्लाई की HSN वाईज समरी
टेबिल 19- चुकाई जाने वाली एवं चुकाई गई लेट फीस |
➤वार्षिक रिटर्न किसे प्रस्तुत करनी होगी-
जीएसटी की वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर-9 धारा 44(1) के तहत वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद वाले वर्ष की 31 दिसम्बर तक प्रस्तुत करनी होती है। अधिसूचना स. 95/2020 - सीटी दिनांक 30.12.2020 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तिथी को बढा कर 28 फरवरी 2021 कर दिया गया है।
वार्षिक रिटर्न वैसे तो सभी पंजीकृत व्यवहारियों को धारा 44 के तहत प्रस्तुत करनी होती है लेकिन अधिसूचना स. 47/2019 - सीटी दिनांक 09.10.2019 जिसे अधिसूचना स. 77/2020 - सीटी दिनांक 15.10.2020 द्वारा संशोधित किया गया है द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि ऐसे व्यवहारी जिनकी वार्षिक एग्रीगेट टर्नओवर 2 करोड़ रु से अधिक नहीं है उन्हे वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर-9 में प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं है।
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