ई-इनवाइस के प्रावधान अब 20 करोड़ रु. की टर्नओवर वाले
व्यवहारियों पर भी लागू - नवीनतम जानकारी
सैन्ट्रल गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स रूल्स, 2017 के रूल 48(4) के अनुसार नोटिफाईड व्यवहारियों को ई-इनवाइस जनरेट करना होता है। ई-इनवाइस के प्रावधान को 1 अक्टूबर 2020 से प्रारंभ किया गया था तथा उस समय जिन व्यवहारियों की एग्रीगेट टर्नओवर वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर तब तक किसी भी वर्ष में 500 करोड़ रू. से अधिक थी तो उन्हें ई-इनवाइस जारी करना आवश्यक किया गया था। इसके पश्चात् 1 जनवरी 2021 से 100 करोड़ रू. की टर्नओवर पर इसे अनिवार्य किया गया था। 1 अप्रैल 2021 से 50 करोड़ रू. की बिक्री वाले व्यवहारियों पर इसे लागू किया गया तथा अब 1 अप्रैल 2022 से 20 करोड़ रू. से अधिक एग्रीगेट टर्नओवर वाले व्यवहारियों पर इसे लागू किया गया है।
विभिन्न अधिसूचनाएं जिनके द्वारा यह प्रावधान किया गया है वे इस प्रकार है-
अधिसूचना सं. |
दिनांक |
एग्रीगेट टर्नओवर |
अवधि से कब तक लागू |
13/2020-सीटी |
21.03.2020 |
500 करोड़ |
1.10.2020 से 31.12.2020 तक |
61/2020-सीटी |
30.07.2020 |
88/2020-सीटी |
10.11.2020 |
100 करोड़ |
1.1.2021 से 31.03.2021 तक |
05/2021-सीटी |
08.03.2020 |
50 करोड़ |
1.4.2021 से 31.03.2022 तक |
01/2022-सीटी |
24.02.2020 |
20 करोड़ |
1.4.2022 से लागू |
महत्वपूर्ण जानकारी
1. अधिसूचना संख्या 23/2021-सीटी दिनांक 01-06-2021 द्वारा ई-इनवाइस के प्रावधान सरकारी विभागों एवं लोकल अथारिटी पर लागू नहीं है जबकि गर्वमेन्टल अथारिटी तथा गर्वमेन्ट एन्टीटी पर यह प्रावधान लागू होगे। इसके अतिरिक्त स्पेशल ईकोनोमिक जोन की इकाइयों पर भी ई-इनवाइस के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
2. एक्सपोर्ट करने पर ई-इनवाइस के प्रावधान लागू होंगे। यदि माल या सेवा की बिक्री पंजीकृत व्यवहारी को की जाती है या माल या सेवा को एक्सपोर्ट किया जाता है, दोनों ही मामलों में ई-इनवाईस जारी करना होगा।
3. ई-इनवाइस माल एवं सेवा दोनों सप्लाई पर लागू होगा।
4. ई-इनवाइस अपंजीकृत व्यवहारियों को की गई सप्लाई पर लागू नहीं होगा। साथ ही कर मुक्त सप्लाई पर भी यह लागू नहीं होगा।
उपरोक्त सभी प्रावधान अधिसूचना संख्या 13/2020-सीटी दिनांक 21-3-2020 यथा समय-समय पर संशोधित द्वारा किये गये हैं।
ई-इनवाइस पोर्टल
ई-इनवाइस के लिए अधिसूचना संख्या 69/2019-सीटी दिनांक 13-12-2019 द्वारा 10 पोर्टल अधिसूचित किये गये हैं। पोर्टल का नाम www.einvoice1.gst.gov.in, www.einvoice2.gst.gov.in आदि 10 नवम्बर तक जारी किये गये हैं। यह सभी पोर्टल जीएसटी नेटवर्क द्वारा संचालित किये जाते हैं।
ई-इनवाइस स्कीम
उपरोक्त पोर्टल पर ई-इनवाइस से संबंधित जानकारी फार्म INV-01 में प्रस्तुत करनी होगी। इसमें जानकारी प्रस्तुत करने पर एक इनवाइस रेफरेन्स नम्बर (IRN) जनरेट होगा जिसे इनवाइस पर लिखना होगा।
यहाँ पर यह समझना आवश्यक है कि व्यवहारी को टैक्स इनवाइस तो उसी प्रकार से तैयार करना है जैसा कि वह अभी तक करता आ रहा है तथा उसका प्रर्फोमा भी वही रहेगा। लेकिन फार्म INV-01 में जो जानकारी मांगी गई है उन्हें भरना होगा तथा जो इनवाइस रेफरेन्स नम्बर (IRN) पोर्टल पर जनरेट होगा उसे जारी किये जाने वाले इनवाइस पर लिखना होगा। इनवाइस की क्रम संख्या जिस प्रकार चलती है वही रहेगी।
ई-इनवाइस के प्रावधान किस पर लागू नहीं
अधिसूचना संख्या 13/2020-सीटी दिनांक 21.3.2020 के अनुसार निम्नलिखित व्यवहारियों पर ई-इनवाइस के प्रावधान लागू नहीं होगे-
1. बैंकिंग कंपनी, वित्तीय कंपनी, इन्श्योरेन्स कंपनी
2. गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेन्सी
3. पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रोवाइडर
4. सिनेमा हाल
5. स्पेशल इकोनोमिक जोन इकाइयाँ
6. सरकारी विभाग
7. लोकल अथॉरिटी
आवश्यक होने पर भी ई-इनवाइस न जारी करने के परिणाम
यदि किसी व्यवहारी पर ई-इनवाइस के प्रावधान लागू होते है लेकिन वह ई-इनवाइस जारी नहीं करता है तो रूल 48(5) के अनुसार उसके द्वारा जारी इनवाइस एक वैध इनवाइस नहीं माना जायेगा। ऐसा होने पर उसके क्रेता को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्राप्त नहीं होगा। इसके साथ ही यदि रास्ते में माल की जांच हो जाती है तो यह माना जायेगा कि माल का परिवहन बिना वैध डाक्यूमेंट्स के किया जा रहा था।
क्या ई-वे बिल की भी आवश्यकता होगी
यहां यह समझना आवश्यक है कि ई-इनवाइस ई-वे बिल का विकल्प नहीं है। ई-वे बिल की आवश्यकता जिन परिस्थितियों में होती है वे जैसे-के-तैसे लागू रहेंगे। ई-वे बिल के साथ में ई-इनवाइस यदि आवश्यक है तो बनाना होगा।
क्या स्वयं: का इनवाइस नम्बर अलग रहेगा
जब किसी व्यवहारी पर ई-इनवाइस के प्रावधान लागू हो जाते है तो उसे ई-इनवाइस पोर्टल पर रजिस्टर करके इनवाइस रेफरेंस नम्बर (IRN) जनरेट करना होता है। उसका इनवाइस नम्बर जो भी वह दे रहा है वह उसी प्रकार चलता रहता है। इसलिए इनवाइस नम्बर से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। इनवाइस नम्बर एवं इनवाइस रेफरेंस नम्बर दोनों अलग-अलग है।
ई-इनवाइस की आवश्यकता वाले व्यवहारियों को इसके लिए बनाये गये पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा इसके बाद वे अपना ई-इनवाइस जनरेट कर सकते है।
वित्तीय वर्ष के बीच से प्रावधान लागू नहीं
ई-इनवाइस की अनिवार्यता गत वर्षों की एग्रीगेट टर्नओवर के आधार पर तय की गई है। इस कारण जिन भी व्यवहारियों पर यह प्रावधान लागू होंगे वह 1 अप्रेल 2021 से ही लागू होंगे। वर्ष के बीच में यह प्रावधान तभी लागू होंगे जब सरकार 20 करोड़ की लिमिट को वर्ष के दौरान कम कर देती है।
|