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GST Important Questions and Answers

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Dated 4-02-2017
 
By: P.C. Verma
Former Deputy Commissioner,
Commercial Taxes Department,
Jaipur (Rajasthan)
 

गुड्स एवं सर्विस टैक्स के संबंध में प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर

 

प्रश्न-1

एक व्यक्ति जो एक ही राज्य में समान कई कारबार (Multiple business verticles) धारण करता है, क्या उसे पृथक कारबार के लिए पृथक रजिस्टे्रशन लेना आवश्यक होगा?

उत्तर

धारा 19(2) के अनुसार, राज्य में समान कई कारबार करने वाला व्यक्ति ऐसी शर्तो के तहत, जैसा कि निर्धारित किया जाये, समान प्रत्येक कारबार के लिए अलग रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकेगा।
नोट- जीएसटी मॉडल लॉ, 2016 की धारा 19 की उपधारा (2) में आई अभिव्यक्ति "in a state ------ obtained a separate registration for each business"  के अनुसार, प्रत्येक कारबार के लिए पृथक रजिस्ट्रेशन लेने के प्रावधान बाध्यकारी (obligatory) प्रतीत नहीं होते, यदि विधि-निर्माताओं की मंशा बाध्यकारी होती तो shall शब्द प्रयुक्त होता और may का शाब्दिक अर्थ सकेगा होता है। अत: इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थिति स्पष्ट किया जाना आवश्यक है।

   

प्रश्न-2

क्या प्रस्तावित जीएसटी लॉ में स्वैच्छिक रजिस्ट्रेशन के प्रावधान है? स्पष्ट कीजिये।

उत्तर

हॉ। जीएसटी मॉडल ला, 2016 की धारा 9 की उपधारा (3) के अनुसार - एक व्यक्ति, यद्यपि अनुसूची 3 के अधीन रजिस्ट्रीकृत किये जाने के लिये दायी नहीं है फिर भी, स्वयं की स्वेच्छा से रजिस्ट्रेशन करा सकेगा और इस अधिनियम के सभी उपबंध, जो रजिस्टर्ड कर योग्य व्यक्ति पर लागू है, ऐसे व्यक्ति पर लागू होंगे।
   

प्रश्न-3

क्या जीएसटी अधिनियम, 2016 के अधीन रजिस्ट्रीकरण की स्वीकृति के लिए पैन होना बाध्यकारी है?

उत्तर

हॉ। धारा 19(4) के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन रजिस्ट्रीकरण हेतु आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के अधीन जारी किया गया परमानेंट एकाउन्ट नम्बर (पैन) धारण करना आवश्यक है।

   

प्रश्न-4

क्या अनिवासी कर योग्य व्यक्ति (non-resident taxable person) को भी रजिस्ट्रेशन हेतु पैन प्रस्तुत करना आवश्यक है?

उत्तर

धारा 19(4क) के अनुसार, गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन रजिस्ट्रीकरण हेतु, अनिवासी कर योग्य व्यक्ति को पैन प्रस्तुत करना बाध्यकारी नहीं है। उसका किसी अन्य विहित दस्तावेज के आधार पर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।

   

प्रश्न-5

जहां कोई व्यक्ति जिसे गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन रजिस्ट्रेशन करवाना बाध्यकारी है और वह इसमें विफल रहता है, उस स्थिति में क्या उसे रजिस्ट्रीकृत किया जा सकेगा? यदि हॉ तो कैसे?

उत्तर

ऐसे व्यक्ति का धारा 19(5) के प्रावधानों के तहत समुचित अधिकारी निर्धारित विधि से रजिस्ट्रीकृत करने की कार्यवाही कर सकेगा।

   

प्रश्न-6

यूनिक आइडेन्टिटी नम्बर (unique identity number) का क्या अभिप्राय है?

उत्तर

यूनिक आईडेन्टिटी नम्बर का संबंध गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 की धारा 19(6) में वर्णित संयुक्त राष्ट्र के संगठनों, विदेशी वाणिज्यिक दूतावासों इत्यादि से है। धारा 19(6) में वर्णित व्यक्ति संगठन दूतावास में वर्णित व्यक्ति/संगठन/दूतावास को अधिसूचित उद्देश्यों, प्राप्त आपूर्तियों से संबंधित रिफंड की प्राप्ति इत्यादि के लिए 'यूनिक आइडेन्टिटी नम्बर' प्राप्त करना होगा।
रजिस्ट्रीकरण संबंधी धारा 19 की उप-धारा (6) निम्न प्रकार है :- उपधारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुये, संयुक्त राष्ट्र संगठन का विशिष्ट अभिकरण या संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 (1947 का 46) के अधीन अधिसूचित संगठन, विदेशों का वाणिज्यिक दूतावास या दूतावास और कोई अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों का वर्ग, अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों का वर्ग, जैसा कि बोर्ड आयुक्त द्वारा अधिसूचित किया जाये, उनके प्राप्त माल और/या सेवाओं की अधिसूचित आपूर्ति पर करों के रिफंड को शामिल करके अधिसूचित प्रयोजनों के लिए विहित ढंग में यूनिक आइडेन्टिअी नम्बर (UIN) प्राप्त करेगा।

   

प्रश्न-7

क्या गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन रजिस्ट्रीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र को सक्षम अधिकारी द्वारा निरस्त किया जा सकता है?

उत्तर

हाँ। गुड्स एवं सर्विस टैक्स की धारा 19(7) एवं (8) के प्रावधानों के अनुसार  रजिस्ट्रीकरण या यूनिक आइडेन्टिटी नम्बर सम्यक सत्यापन के बाद जारी कर दिया जायेगा या यथास्थिति नामंजूर किया जायेगा। लेकिन ऐसा आवेदन सुनवाई का समुचित अवसर दिये बिना नामंजूर नहीं किया जायेगा। रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में प्रभावी तारीख से जारी किया जायेगा।

   

प्रश्न-8

क्या गुड्स एवं सर्विस टैक्स के अधीन जारी रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र स्थायी होगा?

उत्तर

हां। जब तक कि इसे निरस्त नहीं कर दिया जावे, समर्पित (surrender), निलंबित   (suspand) या वापस (Revoked) नहीं कर दिया जावे।

   

प्रश्न-9

आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति (casual taxable person person) की क्या परिभाषा है?

उत्तर

धारा 2(21) के अनुसार, केजुअल कर योग्य व्यक्ति से वह व्यक्ति अभिप्रेत है, जो कारबार के अनुक्रम या अग्रसारण (furtherance) में माल और/या सेवाओं की आपूर्ति को संलग्न करते हुए यदा कदा संव्यवहांर करता है, चाहे प्रमुख अभिकर्ता के रूप में या कराधेय क्षेत्र में किसी अन्य हैसियत में, जहां उसका कारबार का कोई नियत स्थान नहीं है।

   

प्रश्न-10

'अनिवासी कर योग्य व्यक्ति (Non-resident taxable) से क्या आशय है?

उत्तर

धारा 2(69) के अनुसार, 'आनिवासी कर योग्य व्यक्ति' से कर योग्य व्यक्ति अभिप्रेत है, जो यदाकदा माल और/या सेवाओं की आपूर्ति को अन्तर्गस्त करते हुये संव्यवहार करता है चाहे प्रमुख या अभिकर्ता के रूप में या किसी अन्य हैसियत में किन्तु जिसका भारत में कारबार का कोई नियत स्थान नहीं है।

   

प्रश्न-11

किसी 'आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति' को जारी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र की वैधता (validity) की तिथि पर प्रकाश डालिये?

उत्तर

इन दोनों व्यक्तियों को जारी किये जाने वाले रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र की वैद्यता, रजिस्ट्रीकरण की प्रभावी तिथि से 90 दिन होगी, फिर भी संबंधित व्यक्ति की प्रार्थना पर सक्षम अधिकारी वैद्यता की तिथि में और अतिरिक्त 90 दिन की वृद्धि कर सकेगा।

   

प्रश्न-12

क्या गुड्स एवं सर्विस टैक्स व्यवस्था में रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले 'आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति' या 'अनिवासी  कर योग्य व्यक्ति' को, अग्रिम कर जमा करवाना होगा?

उत्तर

यद्यपि एक सामान्य कर योग्य व्यक्ति को रजिस्ट्रीकरण के समय अग्रिम कर जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन यदि धारा 19(1) के अधीन रजिस्ट्रीकरण हेतु आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति या अनिवासी कर योग्य व्यक्ति आवेदन करता है तो उसे जिस अवधि तक के लिए आवेदन किया है उस अवधि के अनुमानित कर दायित्व के बराबर की राशि बतौर अग्रिम कर जमा करवानी होगी।
यदि रजिस्ट्रेशन की अवधि 90 दिन से बढ़ा दी जाती है तो बढ़ाई गई अवधि के संबंध में भी उसे अग्रिम कर जमा करवाना होगा।

   

प्रश्न-13         

क्या रजिस्ट्रकरण प्रमाण पत्र में संशोधन संभव (Premissible) है?

उत्तर

हॉ, धारा 20 के प्रावधानों के अनुसार यदि रजिस्ट्रीकृत कर योग्य व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्रीकरण के समय दी गयी सूचना ओर पश्चातवर्ती दी गयी सूचना में किसी परिवर्तन की सूचना समुचित अधिकारी को दी जाती है तो ऐसा अधिकारी तदनुसार रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र में संशोधन कर सकेगा या नामंजूर कर सकेगा।

 

 

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