प्रश्न-1 |
कोई कर योग्य व्यक्ति जो कम्पोजीशन स्कीम का लाभ लेने की पात्रता नहीं रखता है और शर्त भंग करता है तो उस पर आरोपित होने वाली शास्ति (penalty) कितनी होगी? |
उत्तर |
ऐसे व्यक्ति को कर और ब्याज के अतिरिक्त धारा 8(3) के प्रावधानों के अधीन देय कर चुकाना होगा। |
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प्रश्न-2 |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स के व्यवस्था में कर के माफी (remission of tax) संबंधी प्रावधानों पर प्रकाश डालिये? |
उत्तर |
प्रस्तावित गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 की धारा 11 में, मात्रा में कम पायी गयी आपूर्ति पर कर के माफी के प्रावधान किये गये है। केन्द्रीय या राज्य सरकार धारा 11(1) के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा ऐसी आपूर्ति पर जिन्हें प्राकृतिक कारण से मात्रा में कम होना पाया जाता है तो कर के माफी के प्रावधान कर सकेगी।
धारा 11(2) के अनुसार कर की माफी की अधिकतम राशि (प्रतिशत में) भी निर्धारित की जा सकेगी। |
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प्रश्न-3 |
क्या आपूर्ति से पूर्व चोरी गए या खराब हुए माल पर कर की माफी (Remision of tax) का लाभ प्राप्त होगा? |
उत्तर |
नहीं। गुड्स एवं सर्विस टैक्स व्यवस्था में कर की वसूली माल की आपूर्ति पर होता है अत: आपूर्ति से पूर्व, माल में हुई कमी पर कर से माफी उपलब्ध नहीं होगी। |
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प्रश्न-4 |
क्या कर से माफी (Remision) किसी भी कारण से माल की हुई चोरी या खराबी की स्थिति में प्राप्य है? |
उत्तर |
नहीं। धारा 11 के प्रावधानों के अनुसार प्राकृतिक कारणों (Natural Causes) से हुई कमी पर ही कर से माफी की व्यवस्था है। |
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प्रश्न-5 |
क्या केन्द्र या राज्य सरकार को किसी आपूर्ति (supply) को गुड्स एवं सर्विस टैक्स से छूट देने का अधिकार है? |
उत्तर |
जीएसटी मॉडल लॉ, 2016 की धारा 10 में कर से छूट मंजूर करने की शक्ति का निम्न प्रकार वर्णन है - 10(1) यदि केन्द्रीय या राज्य सरकार को लगता है कि लोकहित में ऐसा करना आवश्यक है, तो वह जीएसटी परिषद की सिफारिश पर, अधिसूचना द्वारा साधारणतया या पूर्णत: (absolutely) अधिसूचना में विनिर्दिष्टि शर्तो के अध्यधीन किसी विनिर्दिष्ट भांति (Specified discription)) के माल और/या सेवाओं को उस पर वसूली योग्य कर से सम्पूर्ण या भागत: छूट प्रदान कर सकेगी। |
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प्रश्न-6 |
क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन पंजीकृत नहीं है, आगत कर मुजरे (ITC) का दावा कर सकता है? क्या अपने ग्राहक से कर संग्रहण कर सकता है? |
उत्तर |
नहीं। कोई भी व्यक्ति जीएसटी रजिस्ट्रेशन के बिना न तो आगत कर मुजरे का दावा कर सकता है और नहीं अपने ग्राहक से कर वसूल कर सकता है। |
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प्रश्न-7 |
जीएसटी मॉडल ला, 2016 के अधीन किस व्यक्ति का पंजीयन दायित्व बनता है? |
उत्तर |
एक आपूर्तिकर्ता (supplier) जो भारत के राज्य क्षेत्र में कहीं पर भी कोई व्यापार करता हो तथा जिसका एक वर्ष का कुल टर्नओवर निर्धारित सीमा (thershold) से अधिक हो, उसका गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम, 2016 के अधीन पंजीयन करवाने का दायित्व बनता है।
इसके अतिरिक्त पंजीयन की लिमिट का ध्यान रखे बिना अधिनियम, 2016 में संलग्न अनुसूची- III में उल्लेखित व्यक्तियों पर भी पंजीयन का दायित्व बनता है।
चूंकि कृषक (agriculturist) को धारा 9 की उप धारा-I के प्रथम प्रोविजो के अनुसार कर योग्य व्यक्ति (taxable person) की परिभाषा से बाहर रखा गया है अत:कृषककापंजीयनदायित्वनहींबनताहै। |
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प्रश्न-8 |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स अधिनियम के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने की समय-सीमा क्या है? |
उत्तर |
कोई व्यक्ति जब किसी तिथि को पंजीयन करवाने का दायी हो जाता है उस तिथि से 30 दिन के भीतर निर्धारित तरीके से एवं शर्तो के अनुसार उसका पंजीयन करवाने का दायित्व बनता है (देखे धारा 19(1)) |
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प्रश्न-9 |
क्या कोई व्यक्ति एक ही रजिस्ट्रेशन के अधीन एक ही पैन नम्बर के अन्तर्गत, एक से अधिक राज्यों में व्यापार कर सकता है? |
उत्तर |
नहीं। उसे प्रत्येक राज्य में अपना पंजीयन करवाना होगा जहां वह अपना व्यापार संचालन करता है। मॉडल लॉ, 2016 की धारा 19(1) में रजिस्ट्रीकरण के निम्न प्रावधान किये गये है:-
प्रत्येक व्यक्ति जो इस अधिनियम की अनुसूची 3 के अधीन रजिस्ट्रीत किये जाने के लिए दायी है, रजिस्ट्रीकरण के लिए प्रत्येक ऐसे राज्य में, जिसमें वह इस प्रकार दायी है, उस तारीख से, जिस को वह रजिस्ट्रीकरण के लिये दायी होता है, तीस दिनों के भीतर ऐसे ढंग में और ऐसी शर्तो के अनुसार, जैसा कि निर्धारित किया जाये, आवेदन करेगा। |