प्रश्न-1 |
केन्द्रीय माल और सेवाकर (सीजीएसटी) की परिभाषा बतलाईयें। |
उत्तर |
धारा 2(22) 'केन्द्रीय माल और सेवाकर' से आशय केन्द्रीय माल और सेवाकर अधिनियम, 2016 के अधीन वसूली योग्य कर से है। |
|
|
प्रश्न-2 |
राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) किस अधिनियम के अधीन वसूली योग्य होगा? |
उत्तर |
धारा 2(89) राज्य गुड्स एवं सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) राज्य माल और सेवा कर अधिनियम, 2016 के अधीन वसूली योग्य होगा। |
|
|
प्रश्न-3 |
एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) की परिभाषा दीजिये? |
उत्तर |
एकीकृत गुड्स एवं सर्विस टैक्स से आशय माल और सेवा कर अधिनियम, 2016 के अधीन वसूली योग्य कर से है [धारा 2(50)]। |
|
|
प्रश्न-4 |
एकीकृत वस्तु और सेवाकर से क्या अभिप्राय है? |
उत्तर |
एकीकृत वस्तु और सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2016 की धारा 2(ग) के अनुसार, एकीकृत वस्तु और सेवा कर (आईजीएसटी) का अभिप्राय अंतराज्जीय व्यापार और वाणिज्यि के अनुक्रम में किन्हीं वस्तुओं तथा/अथवा सेवाओं के प्रदाय पर इस अधिनियम के अधीन वसूली योग्य कर से है। |
|
|
प्रश्न-5 |
रिवर्स चार्ज के अन्तर्गत कर भुगतान दायित्व किसका होता है? |
उत्तर |
धारा 2(85) में रिवर्स चार्ज की परिभाषा दी गई है जिसके अनुसार गुड्स एवं सर्विस टैक्स भुगतान का दायित्व विनिर्दिष्ट आपूर्तियों के संबंध में माल और/या सेवाओं को प्राप्त करने वाले व्यक्ति का होता है न कि आपूर्तिकर्ता का। |
|
|
प्रश्न-6 |
व्यक्ति के संबंध में आवक आपूर्ति (inward supply) किसे कहते है? |
उत्तर |
किसी व्यक्ति का आशय माल और/या सेवाओं की प्राप्ति से है चाहे प्राप्ति क्रय, अर्जन (acquisitions) या किसी अन्य साधन (means) से हुई हो ओर ऐसी प्राप्ति चाहे प्रतिफल के हुई हो (देखें धारा 2(61))। |
|
|
प्रश्न-7 |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स में प्रशमन योजना (composition scheme) के क्षेत्र पर प्रकाश डालिये। |
उत्तर |
गुड्स एवं सर्विस टैक्स व्यवस्था में ऐसे छोटे करदाता जिनका एक वित्तीय वर्ष में कुल टर्नओवर (aggregate turnover - sec section (2)(6) 50 लाख रूपये तक होगा प्रशमन योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। कम्पोजीशन स्कीम के पात्र करदाता को वर्ष-भर के टर्नओवर पर विहित प्रतिशत से कर देना होगा। योजना के अधीन का करदाता आगतकर मुजरा (आईटीसी) का समायोजन करने का पात्र नहीं होगा। गुड्स एवं सर्विस टैक्स (सीजीएसटी + एसजीएसटी) की न्यूनतम दर (floor rate) 1% से कम नहीं होगी। कम्पोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने वाले करदाता को अपने ग्राहक से कर संग्रहीत करने का अधिकार नहीं होगा। अंतराज्जियक आपूर्ति करने वाले या धारा 2(85) के अर्थ में रिवर्स जार्च (reverse charge) के आधार पर कर देने वाले करदाता कम्पोजीशन स्कीम के लिए पात्र नहीं होंगे। |
|
|
प्रश्न-8 |
कम्पोजीशन स्कीम ऐच्छिक होगी या अनिवार्य होगी? |
उत्तर |
कम्पोजीशन स्कीम ऐच्छिक होगी। |
|
|
प्रश्न-9 |
क्या रिवर्स चार्ज रचना-तंत्र (reverse charge mechanism) सेवाओं (services) के संबंध में ही लागू होगा? |
उत्तर |
नहीं। रिवर्स चार्ज मैकेनीज्म माल और सेवाओं दोनों की आपूर्ति पर लागू होगा। |
|
|
प्रश्न-10 |
अपंजीकृत व्यवहारी से माल क्रय करने का गुड्स एवं सर्विस टैक्स में क्या प्रभाव होगा? |
उत्तर |
माल का प्राप्तकर्ता, आगतकर मुजरे (ITC) का फायदा नहीं ले सकेगा। इसके अतिरिक्त यदि माल का प्राप्तकर्ता कम्पोजीशन स्कीम के अन्तर्गत रजिस्टर्ड है तो रिवर्स चार्ज के अधीन कर देने का दायी होगा। |
|
|
प्रश्न-11 |
कम्पोजीशन स्कीम के अधीन न्यूनतम कर दर क्या है? |
उत्तर |
1% |